दोस्तों मेरी एक नई कविता जो की अभी लिखना प्रारम्भ किया हूँ की दो लाइने
अरे मेरे भाईओ ,
जातिवाद ,प्रांतवाद ,भाषावाद से हम,
कब ऊपर उठ पाएंगे |
देश को बचाने के लिए जो भी आगे आए,
उसे कब हम पहचान पाएंगे
उसे वोट हम कब कर पाएंगे ।